Jio network down
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Jio network down: राजस्थान में जिओ नेटवर्क ठप, यूजर्स परेशान

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Jio network down: 6 जुलाई 2025 की शाम को राजस्थान और गुजरात के कई इलाकों में रिलायंस जियो का 5G नेटवर्क अचानक काम करना बंद कर दिया। यह समस्या शाम करीब 7 बजे शुरू हुई और करीब एक घंटे तक रही। इस दौरान लाखों जियो यूजर्स को मोबाइल सिग्नल और इंटरनेट सेवाओं में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई यूजर्स के फोन पर “नो सिग्नल” या “इमरजेंसी कॉल्स ओनली” का मैसेज दिखाई दिया।

राजस्थान में Jio network down होने का प्रभाव

राजस्थान में जियो के करीब 2.66 करोड़ ग्राहक हैं, जिनमें से ज़्यादातर 5G नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। इस आउटेज से खास तौर पर 5G यूजर्स प्रभावित हुए, जबकि 4G नेटवर्क पर रहने वालों को अपेक्षाकृत कम समस्याओं का सामना करना पड़ा। जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा और प्रतापगढ़ जैसे प्रमुख शहरों और कस्बों में नेटवर्क पूरी तरह से गायब हो गया। कई उपभोक्ताओं ने बताया कि वे कॉल करने या रिसीव करने में असमर्थ थे। इंटरनेट सेवाएं भी बंद थीं, जिससे व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंचना असंभव हो गया।

सोशल मीडिया, खासकर ट्विटर पर यूजर्स ने खुलकर अपना गुस्सा और निराशा जाहिर की। #jio_ka_ghatiya_network जैसे हैशटैग तेजी से ट्रेंड करने लगे। कुछ यूजर्स ने मजाक में लिखा कि “जियो का नेटवर्क बिजली की तरह है, जैसे ही आपको इसकी जरूरत होती है, यह गायब हो जाता है! वहीं, कुछ ने गंभीर रूप से शिकायत की कि वे रेस्टोरेंट में डिजिटल पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं या अपने जरूरी ऑफिस के काम पूरे नहीं कर पा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “मैं अपने स्टॉक ट्रेडिंग ऐप तक नहीं पहुंच पा रहा था और मेरे ट्रेड बीच में ही अटक गए। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

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राजस्थान में जिओ नेटवर्क ठप होने का कारण

रिलायंस जिओ ने इस आउटेज के कारणों के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया, जिससे यूजर्स में और अधिक नाराजगी बढ़ी। हालांकि, कुछ तकनीकी विशेषज्ञों और सोशल मीडिया पोस्ट्स के आधार पर माना जा रहा है कि यह समस्या 5G नेटवर्क की तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुई। कुछ यूजर्स ने अनुमान लगाया कि यह डेटा सेंटर में किसी खराबी या सर्वर ओवरलोड के कारण हो सकता है। पहले भी सितंबर 2024 में जिओ के एक डेटा सेंटर में आग लगने की घटना के कारण नेटवर्क में रुकावट आई थी, जिसका हवाला देते हुए कुछ यूजर्स ने इस बार भी ऐसी ही संभावना जताई।

इसके अलावा, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि 5G नेटवर्क की जटिलता और उनके रोलआउट की तेज़ गति के कारण ऐसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। जियो ने भारत में 5G सेवाओं का तेज़ी से विस्तार किया है और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में तो इसका कवरेज लगभग हर जिले तक पहुँच गया है। लेकिन, इतने बड़े पैमाने पर नेटवर्क को बनाए रखने के लिए बुनियादी ढाँचे और नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है, जिसकी कमी से ऐसी समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।

जियो यूजर्स की शिकायत

नेटवर्क डाउन होने के बाद यूजर्स ने जियो के कस्टमर केयर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कई इसमें भी असफल रहे। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने बताया कि जियो का IVR (इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स) सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा था और कॉल बार-बार कट रही थी। एक यूजर ने एक्स पर लिखा, “नेटवर्क की तरह जियो का कस्टमर केयर भी गायब है। क्या यह मजाक है?

कई उपभोक्ताओं ने यह भी याचिका दायर की कि जियो के रिचार्ज प्लान्स के बावजूद ऐसी बार-बार हो रही हैं। राजस्थान में जियो के 5जी प्लान्स की प्राथमिकता सबसे ज्यादा है, क्योंकि इसने शेयर बाजार में सबसे ज्यादा डाटा और अनलिमिटेड कॉलिंग के दम पर अपनी मजबूत कंपनी पकड़ बनाई है। लेकिन, इसी तरह की कहानियों में विश्वास को हिलाने का काम किया गया है।

जिओ का इतिहास और नेटवर्क की विश्वसनीयता

राजस्थान में जियो नेटवर्क में गड़बड़ी सिर्फ़ तकनीकी गड़बड़ी की घटना नहीं थी। यह इस बात की स्पष्ट याद दिलाता है कि हमारी पूरी डिजिटल जीवनशैली एक ही नेटवर्क की सेहत पर निर्भर करती है। इसने आम आदमी की दिनचर्या से लेकर राज्य की आर्थिक गतिविधियों तक सब कुछ प्रभावित किया। जियो जैसी दिग्गज कंपनी के साथ भी ऐसी घटना होना यह दर्शाता है कि तकनीकी व्यवधान कभी भी हो सकता है।

समाधान और सुझाव

इस आउटेज के बाद रात 9 बजे तक जियो ने ज़्यादातर इलाकों में अपनी सेवाएँ बहाल कर ली थीं। हालाँकि, कुछ इलाकों में आंशिक समस्याएँ बनी रहीं। यूज़र्स को सलाह दी गई कि वे अपने फ़ोन को रीस्टार्ट करें, एयरप्लेन मोड को चालू और बंद करें या वाई-फ़ाई से कनेक्ट करें और वैकल्पिक इंटरनेट का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, उन्हें जियो के आधिकारिक चैनलों पर अपडेट चेक करने की भी सलाह दी गई।

विशेषज्ञों का कहना है कि जियो को अपने तकनीकी ढांचे को और मजबूत करना चाहिए। साथ ही, ऐसी घटनाओं के बाद पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए और उपभोक्ताओं को समय पर जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए। एक्स पर एक यूजर ने सुझाव दिया, “जियो को बैकअप सिस्टम बनाना चाहिए, ताकि ऐसी समस्याओं का असर कम हो।

निष्कर्ष:-

6 जुलाई 2025 को राजस्थान में जियो नेटवर्क आउटेज ने एक बार फिर दूरसंचार सेवाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न केवल तकनीकी खामियों को उजागर करती है, बल्कि उपभोक्ताओं की बढ़ती अपेक्षाओं को भी दर्शाती है। लोग जियो जैसे बड़े नेटवर्क ऑपरेटर से निर्बाध सेवा की उम्मीद करते हैं, और ऐसी घटनाएं उनके भरोसे को कमजोर कर सकती हैं। भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए जियो को अपनी नेटवर्क रखरखाव प्रक्रिया को और मजबूत करना होगा, साथ ही उपभोक्ताओं के साथ बेहतर संवाद स्थापित करना होगा। और अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे.

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